Expect nothing, live frugally on surprise.

Tuesday, October 21, 2008

दर्द अपनाता है पराए कौन

दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन
कौन दोहराए वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाए कौन
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले आज़माए कौन
अब सुकूँ है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन
आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आए कौन

-जावेद अख़्तर

0 comments:

  © Free Blogger Templates Blogger Theme by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP