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Tuesday, November 18, 2008

"दर्द का वादा"


जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है ????
एहसान तेरा है की दुःख दर्द का सैलाब दिया ,
मेरी आँखों को तुने आंसुओं से तार दिया..
एक बार भी न समझा मुझे भाता क्या है?????
छीन कर बैठ गयी मेरी मोहब्बत को कभी,
जब भी मिली एक नयी चाल मेरे साथ चली,
मेरी तकदीर से अब तेरा इरादा क्या है??????
जब भी मिलती है कहीं रूठ के चल देती है,
मेरे दिल को तू फिर एक बार मसल देती है
हैरान हूँ मुकदर को मेरे तराशा क्या है ?????
कौन सी खताओं की मुझे रोज सजा देती है,
मुश्किलें डाल के बस मौत का पता देती है ...
तेरा अब मेरी वफाओं मे और इजाफा क्या है ?????
जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है????

17 comments:

Er. Snigddha Aggarwal November 18, 2008 at 11:20 AM  

हैरान हूँ मुकदर को मेरे तराशा क्या है ?????
कौन सी खताओं की मुझे रोज सजा देती है,
मुश्किलें डाल के बस मौत का पता देती है ...
तेरा अब मेरी वफाओं मे और इजाफा क्या है ?????
beautiful

Puja November 18, 2008 at 2:20 PM  

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है????
bahot khoob!!

Dr.Nishi Chauhan November 18, 2008 at 4:43 PM  

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है ????
एहसान तेरा है की दुःख दर्द का सैलाब दिया ,
मेरी आँखों को तुने आंसुओं से तार दिया..
Bahot achha lekhte hai app Seema jee
Regards

Er. Paayal Sharma November 18, 2008 at 6:04 PM  

kya khoom subhaan allah kya baat hai

Dr. Pragya bajaj November 18, 2008 at 6:50 PM  

and one suggestion pick lighter color, its bit difficult reading on blue back ground.Only a suggestio mam.....
Regards

अविनाश November 18, 2008 at 7:48 PM  

मुश्किलें डाल के बस मौत का पता देती है ...
तेरा अब मेरी वफाओं मे और इजाफा क्या है ?????
जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है????

waah

Dr. Aradhna November 18, 2008 at 9:31 PM  

aah i love ur peoms mam...fantastic one

Er. Paayal Sharma November 19, 2008 at 2:15 AM  

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है????
speechless

Anonymous,  November 19, 2008 at 2:15 AM  

liked a lot this poem n all ur poems mam
Regards
Anshu

Anonymous,  November 19, 2008 at 3:27 AM  

जिंदगी का ना जाने मुझसे और तकाजा क्या है ,
इसके दामन से मेरे दर्द का और वादा क्या है????

Er. Paayal Sharma November 19, 2008 at 3:30 AM  

geep up the nice work mam
Regards

seema gupta November 19, 2008 at 8:55 AM  

" hi all, thanks for appreciation to my work. Dear Pragya, I too agree with you regarding the selection of light colour, thanks for suggestion dear.."

regards

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