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Monday, November 24, 2008

“बहाने से ही आ ”


“बहाने से ही आ ”

मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,

आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,
की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,
आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ

26 comments:

seema gupta November 24, 2008 at 8:50 AM  

"Hi guys, m honourd to hav such motivating readers over here. Each n every words of yours are preceious gems for me. You all are so creative, energatic and loving that i hav no words to thank you. Just wana say keep this spirit always and wish you all Good luck.

'With lov and regard'

Seema

Puja November 24, 2008 at 9:17 AM  

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,
की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,
आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ
Beautiful lines

Anonymous,  November 24, 2008 at 9:35 AM  

आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ
Nice one seema jee
Regards
Ashok,Kota

Anonymous,  November 24, 2008 at 9:36 AM  

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,
की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,
आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ
Good line
Ravi Ranajn
Patna

Dr. Neha Srivastav November 24, 2008 at 9:54 AM  

मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,
Words are magical
Regards

Anonymous,  November 24, 2008 at 9:55 AM  

nice one
Regards

Anonymous,  November 24, 2008 at 10:07 AM  

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,
की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,
आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ
wahh

Anonymous,  November 24, 2008 at 10:07 AM  

good one..like it a lot

Anonymous,  November 24, 2008 at 10:08 AM  

beautiful poem

Anonymous,  November 24, 2008 at 10:09 AM  

मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
core of poem

Dr.Nishi Chauhan November 24, 2008 at 10:09 AM  

आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,
आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
beautiful seema jee
Regards

Anonymous,  November 24, 2008 at 10:10 AM  

आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
bahot khub

Dr.Nishi Chauhan November 24, 2008 at 10:11 AM  

@ seema mam...pleasure is all ours..we r gr8 ful 2 u dat u became part of dis blog
Regards

Anonymous,  November 24, 2008 at 5:43 PM  

आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .
इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
gr8 lines
Regards

Er. Paayal Sharma November 24, 2008 at 5:45 PM  

मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,
आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,
lovely.too good
Regards

Er. Paayal Sharma November 24, 2008 at 5:46 PM  

@seema jee,In fact its our pleasure that u agreed to be part of this blog.Thanks & Regards

Anonymous,  November 24, 2008 at 5:47 PM  

nice poem as always
Ankita Bhopal

Er. Nidhi Mishra November 24, 2008 at 6:11 PM  

मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,
तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,
आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .
तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे
gr8 lines these

Anonymous,  November 24, 2008 at 6:12 PM  

इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
Waah

Anonymous,  November 24, 2008 at 6:37 PM  

इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .
too good

Anonymous,  November 24, 2008 at 8:25 PM  

इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,
की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,
nice one

Anonymous,  November 25, 2008 at 1:47 AM  

nice one mam
Regards

अविनाश November 25, 2008 at 1:48 AM  

Graet compostion as always
& pleasure is of this blog that u became part of it
Thanks & Regards

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