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Friday, December 12, 2008

"मौन का उपवास"


"मौन का उपवास"
अनुभूतियों का आचरण
शालीन सभ्य सह्रदय हुआ,
और भावः भी चुप चाप हैं,
अधरों पे आके थम गया
शब्दों का बढ़ता कारवां,
स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है

13 comments:

Anonymous,  December 12, 2008 at 4:06 PM  

स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है

Prachi Pandey December 12, 2008 at 4:10 PM  

और भावः भी चुप चाप हैं,
अधरों पे आके थम गया

Dr. Pragya bajaj December 12, 2008 at 4:30 PM  

स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है

Dr.Nishi Chauhan December 12, 2008 at 5:08 PM  

और भावः भी चुप चाप हैं,
अधरों पे आके थम गया

Puja December 12, 2008 at 6:35 PM  

स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है
so touching,...no words on hw i feel

Dr. Neha Srivastav December 12, 2008 at 9:21 PM  

अधरों पे आके थम गया
शब्दों का बढ़ता कारवां,
स्वर कंठ में लुप्त हुए,
क्या "मौन" का उपवास है

अविनाश December 13, 2008 at 9:31 AM  

शब्दों का बढ़ता कारवां,
स्वर कंठ में लुप्त हुए,

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