"द्रष्टि"
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर अडिग ,
पलकों के आंचल से
सर को ढांक ,
आतुरता की सीमा लाँघ
अविरल अश्रुधारा मे
डूबती , तरती , उभरती ,
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर ....
20 comments:
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
nice poem
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर अडिग ,
पलकों के आंचल से
सर को ढांक ,
beautiful composition
sundar rachna
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर ....
good composition
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर ....
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
too good as always regards
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर ....
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
डूबती , तरती , उभरती ,
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
डूबती , तरती , उभरती ,
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
good poem mam
Regards
मैं तो समझ ही नही पा रहा...कि सीमा जी आप कहाँ-कहाँ हो......अरे-रे-रे-रे-रे-..........मेरा "मतबल" है कि आप कहाँ नहीं हो.....ऐसा करो ना....आप मेरे भी ब्लॉग पर आ जाओ ना प्लीज़.....!!
Your comment has been saved and will be visible after blog owner approval. लो कर लो बात ............यहाँ भी "ऑनर" की स्वीकृति.....!!!बाप-रे-बाप.....मैं तो नही आता यहाँ....ऐसा लगता है....कि दरवाज़ा खटखटाकर आऊँ.....या गला खंखारकर कि मैं आ रहा हूँ.....सब सावधान.....सीमा जी.....ये क्या है भाई...ब्लॉग हमारा दूसरा घर है.....यहाँ आकर कहने की अनुमति......!!?? अरे आपको नहीं समझ आए तो टिप्पणी हटा दो ना....!!बस....!!
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
अनंतकाल से ये द्रष्टि
प्रतीक्षा पग पर ....
डूबती , तरती , उभरती ,
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
प्रतीक्षाक्षण से तकरार करती
तुम्हारी इक आभा को प्यासी
आतुरता की सीमा लाँघ
अविरल अश्रुधारा मे
डूबती , तरती , उभरती ,
व्याकुलता की ऊँचाइयों को छु
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