"मै डरती हूँ "
मै जानती हूँ .........
मेरे खत का उसे इंतजार नही
मेरे दुख से उसे सरोकार नही ,
मेरे मासूम लफ्ज उसे नही बहलाते
मेरी कोई बात भी उसे याद नही.
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मै डरती हूँ ....बस उस एक पल से
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मै डरती हूँ ....बस उस एक पल से
32 comments:
सुंदर रचना सीमाजी
बेहतरीन कविता. सुंदर और सफल प्रयास.
धन्यवाद
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
बहुत अच्छा सीमा जी. सुंदर कविता.
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
Paschatap? kise? Use jo guzar chuka hai? Nahi hoga joi paschatap.
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मै डरती हूँ ....बस उस एक पल से
बहुत ही सुदंर।
मेरी कोई बात भी उसे याद नही.
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
सीमाजी
हमेशा की तरह एक उम्दा कविता.
धन्यवाद
मेरे मासूम लफ्ज उसे नही बहलाते
मेरी कोई बात भी उसे याद नही.
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरे खत का उसे इंतजार नही
मेरे दुख से उसे सरोकार नही ,
मेरे मासूम लफ्ज उसे नही बहलाते
मेरी कोई बात भी उसे याद नही.
उस अपने का ख्याल जिस तरह से आपने कविता में पिरोया है वो काबिले तारीफ़ है ....
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मै डरती हूँ ....बस उस एक पल से
इंतज़ार को बहुत ही अच्छे से आपने कविता मे पिरोया है. एक बेतरीन, दिल को छू लेने वाली कविता.
धन्यवाद
विरह और इंतज़ार की बेला और सुंदर ढंग से कविता के माध्यम से आपने व्यक्त किया. बहुत अच्छा लगा सीमा जी.
धन्यवाद
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
sundar kavita seema jee
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
Seema ji,
bahut hee khoobsooratee ke sath apne is kavita men viyog kee manah sthiti ko shabdon men sanjoya hai.
Hemant Kumar
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मै डरती हूँ ....बस उस एक पल से
सुन्दर कविता सीमाजी, दिल की बेताबी को बहुत सुंदरढंग से आपने कविता के मध्यम से व्यक्त किया है.
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
गुजर नही पायेगा ...जड हो जाएगा
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
sundar seema jee
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
मेरी कोई बात भी उसे याद नही.
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
" hi all.....thanks a lot for your encouragement with your words and thoughts..."
regards
कोई आहट उसे नही चौंकाती
क्योंकि उसे मेरा इन्तजार नही
मगर मै डरती हूँ उस पल से
जब वो चेतना में लौटेगा और
पश्चाताप के तूफानी सैलाब से
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
मेरे ख्वाबों से उसकी नींद नही उचटती
मेरी यादो मे उसके पल बर्बाद नही
मेरा कोई आंसू उसे नही रुलाता
उसे मुझसे जरा भी प्यार नही
कोई आहट उसे नही चौंकाती
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