"हाल-ऐ-दिल"
"हाल-ऐ-दिल"
पलकों पे आए और भिगाते चले गए,
आंसू तुम्हारे फूल खिलाते चले गए..
तुमने कहा था हाल-ऐ-दिल हम बयाँ करें
हम पूरी रात तुम को बताते चले गए...
मुद्द्त के बाद बोझील पलकें हो जो रही,
हम लोरियों से तुम को सुलाते चले गए...
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए .........
16 comments:
nice composition
मुद्द्त के बाद बोझील पलकें हो जो रही,
हम लोरियों से तुम को सुलाते चले गए...
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
nice as always
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए .........
तुमने कहा था हाल-ऐ-दिल हम बयाँ करें
हम पूरी रात तुम को बताते चले गए...
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
मुद्द्त के बाद बोझील पलकें हो जो रही,
हम लोरियों से तुम को सुलाते चले गए...
lovely lines
मुद्द्त के बाद बोझील पलकें हो जो रही,
हम लोरियों से तुम को सुलाते चले गए...
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
beautiful composition
Regards
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए
good as always Regards
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए .........
well composed
तुम्ही को सोचते हुए रहने लगे हैं हम,
तुम्ही के अक्स दिल में बसाते चले गए....
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए .........
भावों से भरी रचना।
अब यूँ सता रहा है हमें एक ख़याल ही,
हम तुम पे अपना बोझ बढाते चले गए
बहुत ही खूब। फोटो भी सुन्दर।
Post a Comment