"बस यूँही ......"
है बडा दिलनशी प्यार का सिलसिला ,
मेरे दिल को है तेरे दिल से मिला .
तुम मुझे बस यूँही प्यार करते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
तुम मुझे बस यूँही प्यार करते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
दिन गुज़र जाने पर रात होती है यूँ ,
दिल से तेरे मेरी बात होती है यूँ ,
मुझसे तुम बस यूँही बात करते रहो
दिल से तेरे मेरी बात होती है यूँ ,
मुझसे तुम बस यूँही बात करते रहो
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही
38 comments:
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
सीमा जी का अन्दाज़ जुदा है
---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
सीमा जी का अन्दाज़ जुदा है
---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
bahut sundar .....
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
एक सुंदर रचना सीमाजी.
धन्यवाद
बेहतरीन रचना, एक सुंदर और सफल प्रयास सीमाजी,
धन्यवाद
अच्छा ही है
दिन गुज़र जाने पर रात होती है यूँ ,
दिल से तेरे मेरी बात होती है यूँ ,
मुझसे तुम बस यूँही बात करते रहो
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरे दिल को है तेरे दिल से मिला .
तुम मुझे बस यूँही प्यार करते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
Seema Ji,
Prem kee bahut achchhee kavita likhi apne .sundar bhav,sundar abhivyakti.Badhai.
HemantKumar
मेरे दिल को है तेरे दिल से मिला .
तुम मुझे बस यूँही प्यार करते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
sundar rachna seemajee
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
Regards
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
दिन गुज़र जाने पर रात होती है यूँ ,
दिल से तेरे मेरी बात होती है यूँ ,
मुझसे तुम बस यूँही बात करते रहो
beautiful com[position
Regards
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
दिन गुज़र जाने पर रात होती है यूँ ,
दिल से तेरे मेरी बात होती है यूँ ,
मुझसे तुम बस यूँही बात करते रहो
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
sundar seem jee
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो
sUNDAR RACHNA SEEMAJEE
REGARDS
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
sundar rachna
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
सुंदत रचना सीमाजी
बधाई और धन्यवाद
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
बस यूँही , बस यूँही ,बस यूँही ......
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो
दिल में मेरे जला कर मोहब्बत के दीप ,
तुम ने उम्मीद को कर दिया है समीप ,
इनको बुझने ना देना जलाते रहो ,
मेरी दुनिया को था बस तेरा इंतज़ार ,
इसको महका दिया तुने जाने बहार ,
इस चमन में खड़े मुस्कुराते रहो ,
mujhe laga kahi na kahi kuch apni si baat kahi mgaye hai. bhoot achha.
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